बात


साभार गुगुल


बात
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बात- बेबात की करते हो
तुम दीवानों सी बात करते हो
कफस में रह कर
ज़िन्दगी कि बात करते हो
रौद चुके तन मेरा
मन की बात करते हो
भूले बिसरे ज़माने
की बात क्या करते हो
आजमाने कि बात
रोज़ हमसे करते हो
दीवानों की तरह
कहते है हमसे मिलते हो
अश्क बाकी नहीं आँख में
दिल के दुखने की बात करते हो
आराधना राय "अरु"

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